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Tuesday, 31 July 2018

अब स्टोक कांगरी पहाड़ी को नापेंगी पर्वतारोही मां-बेटी

लेह लद्दाख की सबसे ऊंची पहाड़ी पर फहराएंगी तिरंगा
20500 फीट ऊंची भारत की इकलौती ट्रैकेबल पहाड़ी
रामपुर। अफ्रीका और यूरोप महाद्वीप की ऊंची-ऊंची चोटियों को फतह करने के बाद रामपुर की मां-बेटी लेह लद्दाख की सबसे ऊंची पहाड़ी स्टोक कांगरी को फतेह करके विश्व रिकार्ड बनाने को तैयार हैं। चढ़ाई इसी माह  होगी। इसके लिए उन्हें तिरंगा देकर रवाना किया जाएगा।
रामपुर रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी सिंह के बेटे अमित सिंह की प्रारंभिक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा भी रामपुर में ही हुई। एयरक्राफ्ट इंजीनियर अमित सिंह का रामपुर निवासी जूही से विवाह हुआ, इसके बाद एक निजी एयरलाइंस में उनकी जॉब लग गई और वह पत्नी जूही व बेटी दीया के साथ सऊदी में रहने लगे। जूही और दीया दोनों मां-बेटी पर्वतारोही हैं। रेडिको के खेतान केपी सिंह ने बताया कि बहू जूही के पदचिह्नों पर पोती दीया भी चल रही है। दो साल पहले जब दीया महज 12 साल की थी, यानी अब से दो साल पहले तब इन मां-बेटी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी क्लिमंजारों जिसकी ऊंचाई 19341 फीट है, को फतेह किया था। इसके बाद पिछले दिनों यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रुश जिसकी ऊंचाई18510 है, को फतह कर यहां तिरंगा फहराया था। अब ये दोनों मां-बेटी जम्मू कश्मीर की लेह लद्दाख की खूबसूरत वादियों में सबसे ऊंची चोटी स्टोक कांगरी जिसकी ऊंचाई 20500 फीट है, को फतेह करने की तैयारी में हैं। इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। अगस्त माह में ही चढ़ाई शुरू की जाएगी।
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पर्वतारोहण की मिली अनुमति
लेह लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों से होते हुए स्टोक कांगरी हिम चोटी पर पर्वतारोहण के लिए इंडियन माउंटेयनरिंग फाउंडेशन दिल्ली से अनुमति मिल गई है।
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हर साल अलग पर्वतरोहण का कार्यक्रम
पर्वतारोही मां-बेटी जूही और दीया हर साल एक अलग पर्वत को चुनते हैं, जिसे अपने कदमों के नीचे लाने के लिए वे उन पर चढ़ते हैं। पूर्व में इन्होंने अफ्रीका के पर्वत को चुना, फिर यूरोप के पर्वत को और इस बार एशिया महाद्वीप स्थित लेह लद्दाख के पर्वत को।
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दोनों में है देशभक्ति का जज्बा:केपी सिंह
रेडिको के डायरेक्टर केपी सिंह ने बताया बहू जूही और पोती दीया को मैंने कह रखा है कि जहां भी पर्वतारोहण करो, अपने देश का ध्वज वहां जरूर ले जाओ। घर से मिले संस्कारों से दोनों देशभक्ति का जज्बा कूट कूटकर भरा हुआ है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मेरी बहू और पोती लेह लद्दाख की इस सर्वाेच्च चोटी पर भी तिरंगा फहराएंगी। 

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