आजम से लड़ते-लड़ते आईआईए के अध्यक्ष को जान का खतरा
शासन में पूर्व में की गई थी शिकायत, गृह विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा
शासन का आदेश मिलते ही घर पर भी तैनात की गई गारद
रामपुर।आईआईए अध्यक्ष से भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक बने आकाश कुमार सक्सेना की जान को खतरा है। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। शासनादेश पहुंचते ही उनकी सुरक्षा एकाएक बढ़ा दी गई है।
पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र आकाश कुमार सक्सेना का बीते करीब सालभर से सपा नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां से सीधा-सीधा विवाद चल रहा है। आजम खां के खिलाफ तमाम शिकायतें उनके द्वारा की गई हैं। लगातार शिकायतें और जांच बैठाए जाने के बाद उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। शासन ने इसकी जांच कराई और खुफिया रिपोर्ट मांगी। केंद्र सरकार तक मामला पहुंचने के बाद उन्हें वाईश्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
---------------
इन प्रकरणों को बनाया गया आधार
-सेना के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के मामले में आजम खां के खिलाफ दर्ज कराए गए केस में वादी हैं आकाश सक्सेना।
-जल निगम भर्ती घोटाले में भी आकाश सक्सेना ने दिए थे शपथ पत्र, बैठी थी एसआईटी जांच।
-जौहर विवि से जुड़े तमाम प्रकरणों में आकाश सक्सेना की शिकायतों पर हो रही है जांच।
-स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम खां के डबल पैन कार्ड का मुद्दा उठाया था।
-जौहर विवि में चकरोड कब्जाने के राजस्व परिषद में चल रहे चार वादों में निगरानीकर्ता हैं आकाश सक्सेना।
-दलितों की जमीन नियम विरुद्ध लेने संबंधित राजस्व परिषद में दायर 10 वादों में निगरानीकर्ता हैं आकाश।
-आजम खां के खिलाफ करोड़ों के सेस का मुद्दा उठाया, जिस पर जारी हो चुका है नोटिस।
-हाईकोर्ट में एक मामले में आजम खां आकाश सक्सेना को बना चुके हैं पार्टी
-----------------
यह है श्रेणीबद्ध सुरक्षा दिए जाने का नियम
वीआईपी पर जब कोई खतरा होता है तो सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। दूसरी तरफ सुरक्षा हासिल करने के लिए सुरक्षा की मांग करने वाले को संभावित खतरा बता कर सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है। यह आवेदन उसे अपने निवास स्थान के नजदीक करना पड़ता हैे फिर राज्य सरकार उस व्यक्ति के बताए खतरे का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों को केस सौंपती है और रिपोर्ट मांगती है।
-------------
शासन स्तर पर विशेष कमेटी लेती है निर्णय
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तब राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की समिति यह तय करती है कि संबंधित व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। इसके बाद औपचारिक मंजूरी के लिए इस व्यक्ति का ब्यौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति भी खुफिया रिपोर्ट पर तय करती है कि किस व्यक्ति को कितना खतरा है तथा उसे किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
----------------
क्या है वाई श्रेणी सुरक्षा
शासन द्वारा दी जाने वाली श्रेणीबद्ध सुरक्षा में वाई श्रेणी की सुरक्षा भी र्चुंनदा लोगों को ही दी जाती है। इसमें दो सशस्त्र जवान 24 घंटा संबंधित के साथ रहते हैं जबकि, पांच जवानों की गारद घर पर सुरक्षा में मुस्तैद रहती है।
-----------------
-शासन से आदेश मिलते ही वाई श्रेणी की नियमानुसार सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। घर पर भी गारद लगा दी गई है।
-शैलेंद्र कुमार वाजपेई, आरआई, पुलिस लाइन
-------------------
-आकाश कुमार सक्सेना को शासन से वाई श्रेणी सुरक्षा अनुमन्य की गई है। शासनादेश मिलते ही उन्हें नियमानुसार सुरक्षा मुहैया करा दी गई है।
-डा. विपिन ताडा, एसपी
शासन में पूर्व में की गई थी शिकायत, गृह विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा
शासन का आदेश मिलते ही घर पर भी तैनात की गई गारद
रामपुर।आईआईए अध्यक्ष से भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक बने आकाश कुमार सक्सेना की जान को खतरा है। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। शासनादेश पहुंचते ही उनकी सुरक्षा एकाएक बढ़ा दी गई है।
पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र आकाश कुमार सक्सेना का बीते करीब सालभर से सपा नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां से सीधा-सीधा विवाद चल रहा है। आजम खां के खिलाफ तमाम शिकायतें उनके द्वारा की गई हैं। लगातार शिकायतें और जांच बैठाए जाने के बाद उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। शासन ने इसकी जांच कराई और खुफिया रिपोर्ट मांगी। केंद्र सरकार तक मामला पहुंचने के बाद उन्हें वाईश्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
---------------
इन प्रकरणों को बनाया गया आधार
-सेना के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के मामले में आजम खां के खिलाफ दर्ज कराए गए केस में वादी हैं आकाश सक्सेना।
-जल निगम भर्ती घोटाले में भी आकाश सक्सेना ने दिए थे शपथ पत्र, बैठी थी एसआईटी जांच।
-जौहर विवि से जुड़े तमाम प्रकरणों में आकाश सक्सेना की शिकायतों पर हो रही है जांच।
-स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम खां के डबल पैन कार्ड का मुद्दा उठाया था।
-जौहर विवि में चकरोड कब्जाने के राजस्व परिषद में चल रहे चार वादों में निगरानीकर्ता हैं आकाश सक्सेना।
-दलितों की जमीन नियम विरुद्ध लेने संबंधित राजस्व परिषद में दायर 10 वादों में निगरानीकर्ता हैं आकाश।
-आजम खां के खिलाफ करोड़ों के सेस का मुद्दा उठाया, जिस पर जारी हो चुका है नोटिस।
-हाईकोर्ट में एक मामले में आजम खां आकाश सक्सेना को बना चुके हैं पार्टी
-----------------
यह है श्रेणीबद्ध सुरक्षा दिए जाने का नियम
वीआईपी पर जब कोई खतरा होता है तो सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। दूसरी तरफ सुरक्षा हासिल करने के लिए सुरक्षा की मांग करने वाले को संभावित खतरा बता कर सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है। यह आवेदन उसे अपने निवास स्थान के नजदीक करना पड़ता हैे फिर राज्य सरकार उस व्यक्ति के बताए खतरे का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों को केस सौंपती है और रिपोर्ट मांगती है।
-------------
शासन स्तर पर विशेष कमेटी लेती है निर्णय
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तब राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की समिति यह तय करती है कि संबंधित व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। इसके बाद औपचारिक मंजूरी के लिए इस व्यक्ति का ब्यौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति भी खुफिया रिपोर्ट पर तय करती है कि किस व्यक्ति को कितना खतरा है तथा उसे किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
----------------
क्या है वाई श्रेणी सुरक्षा
शासन द्वारा दी जाने वाली श्रेणीबद्ध सुरक्षा में वाई श्रेणी की सुरक्षा भी र्चुंनदा लोगों को ही दी जाती है। इसमें दो सशस्त्र जवान 24 घंटा संबंधित के साथ रहते हैं जबकि, पांच जवानों की गारद घर पर सुरक्षा में मुस्तैद रहती है।
-----------------
-शासन से आदेश मिलते ही वाई श्रेणी की नियमानुसार सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। घर पर भी गारद लगा दी गई है।
-शैलेंद्र कुमार वाजपेई, आरआई, पुलिस लाइन
-------------------
-आकाश कुमार सक्सेना को शासन से वाई श्रेणी सुरक्षा अनुमन्य की गई है। शासनादेश मिलते ही उन्हें नियमानुसार सुरक्षा मुहैया करा दी गई है।
-डा. विपिन ताडा, एसपी