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Tuesday, 31 July 2018

भाजपा नेता आकाश सक्सेना को मिली वाई श्रेणी सुरक्षा

आजम से लड़ते-लड़ते आईआईए के अध्यक्ष को जान का खतरा
शासन में पूर्व में की गई थी शिकायत, गृह विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा
शासन का आदेश मिलते ही घर पर भी तैनात की गई गारद
रामपुर।आईआईए अध्यक्ष से भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक बने आकाश कुमार सक्सेना की जान को खतरा है। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। शासनादेश पहुंचते ही उनकी सुरक्षा एकाएक बढ़ा दी गई है।
पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र आकाश कुमार सक्सेना का बीते करीब सालभर से सपा नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां से सीधा-सीधा विवाद चल रहा है। आजम खां के खिलाफ तमाम शिकायतें उनके द्वारा की गई हैं। लगातार शिकायतें और जांच बैठाए जाने के बाद उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। शासन ने इसकी जांच कराई और खुफिया रिपोर्ट मांगी। केंद्र सरकार तक मामला पहुंचने के बाद उन्हें वाईश्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
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इन प्रकरणों को बनाया गया आधार
-सेना के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के मामले में आजम खां के खिलाफ दर्ज कराए गए केस में वादी हैं आकाश सक्सेना।
-जल निगम भर्ती घोटाले में भी आकाश सक्सेना ने दिए थे शपथ पत्र, बैठी थी एसआईटी जांच।
-जौहर विवि से जुड़े तमाम प्रकरणों में आकाश सक्सेना की शिकायतों पर हो रही है जांच।
-स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम खां के डबल पैन कार्ड का मुद्दा उठाया था।
-जौहर विवि में चकरोड कब्जाने के राजस्व परिषद में चल रहे चार वादों में निगरानीकर्ता हैं आकाश सक्सेना।
-दलितों की जमीन नियम विरुद्ध लेने संबंधित राजस्व परिषद में दायर 10 वादों में निगरानीकर्ता हैं आकाश।
-आजम खां के खिलाफ करोड़ों के सेस का मुद्दा उठाया, जिस पर जारी हो चुका है नोटिस।
-हाईकोर्ट में एक मामले में आजम खां आकाश सक्सेना को बना चुके हैं पार्टी
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यह है श्रेणीबद्ध सुरक्षा दिए जाने का नियम
वीआईपी पर जब कोई खतरा होता है तो सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। दूसरी तरफ सुरक्षा हासिल करने के लिए सुरक्षा की मांग करने वाले को संभावित खतरा बता कर सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है। यह आवेदन उसे अपने निवास स्थान के नजदीक करना पड़ता हैे फिर राज्य सरकार उस व्यक्ति के बताए खतरे का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियों को केस सौंपती है और रिपोर्ट मांगती है।
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शासन स्तर पर विशेष कमेटी लेती है निर्णय 
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में जब खतरे की पुष्टि हो जाती है तब राज्य में गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की समिति यह तय करती है कि संबंधित व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। इसके बाद औपचारिक मंजूरी के लिए इस व्यक्ति का ब्यौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति भी खुफिया रिपोर्ट पर तय करती है कि किस व्यक्ति को कितना खतरा है तथा उसे किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए।
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क्या है वाई श्रेणी सुरक्षा
शासन द्वारा दी जाने वाली श्रेणीबद्ध सुरक्षा में वाई श्रेणी की सुरक्षा भी र्चुंनदा लोगों को ही दी जाती है। इसमें दो सशस्त्र जवान 24 घंटा संबंधित के साथ रहते हैं जबकि, पांच जवानों की गारद घर पर सुरक्षा में मुस्तैद रहती है।
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-शासन से आदेश मिलते ही वाई श्रेणी की नियमानुसार सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। घर पर भी गारद लगा दी गई है।
-शैलेंद्र कुमार वाजपेई, आरआई, पुलिस लाइन
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-आकाश कुमार सक्सेना को शासन से वाई श्रेणी सुरक्षा अनुमन्य की गई है। शासनादेश मिलते ही उन्हें नियमानुसार सुरक्षा मुहैया करा दी गई है।
-डा. विपिन ताडा, एसपी

पीएम के अभियान का असर, रेडिको ने गोद लीं 11 बेटियां

पढ़ाई से लेकर रहने-खाने तक की सभी व्यवस्थाएं कीं
रुद्रपुर के एक स्कूल में कराया सभी बच्चियों का दाखिला
रामपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से प्रेरणा लेते हुए रेडिको खेतान ने 11 बेटियों को गोद लिया है। बिलासपुर और रुद्रपुर की सीमावर्ती इन बेटियों की पढ़ाई से लेकर खान-पान और रहने तक की सभी व्यवस्थाओं का खर्च कंपनी उठाएगी।
रेडिको खेतान के डायरेक्टर (आपरेशन)केपी सिंह ने बताया कि हम लोग सामाजिक सरोकारों में भी बढ़चढ़कर भूमिका निभाते हैं। चाहें वह भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने का अभियान हो या फिर प्रतिभाओं के सम्मान, उन्हें आगे बढ़ाने के काम हों। हमने स्कूलों में भी मैसेज किया हुआ है कि आर्थिक तंगी की वजह से कोई प्रतिभाशाली बच्चा पढ़ाई से नहीं रुकना चाहिए। ऐसा हो तो तत्काल उन्हें बताया जाए। इसी क्रम में पिछले दिनों इंटरमीडिएट के टॉपर को बीटेक में दाखिला दिलाया, अब बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के क्रम में 11 बेटियां गोद ली हैं।
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सेवा प्रकल्प से मिली जानकारी
रेडिको खेतान के प्रबंधक प्रशासन इंद्रपाल सिंह बताते हैं कि बच्चियों की पढ़ाई के लिए दो साल से काम कर रहे हैं। सेवा प्रकल्प संस्था की ओर से संज्ञान में लाया गया था कि सीमावर्ती क्षेत्र की गरीब बेटियां पढ़ाई से वंचित हैं। जिस पर 11 बच्चियों को गोद लिया गया है। इनकी पढ़ाई से लेकर अन्य व्यवस्थाओं तक पर करीब 2.10 लाख रुपये व्यय होगा।
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-हम चाहते हैं कि समाजिक कार्याें में जो भी सामथ्र्यवान लोग हैं, वे आगे आएं। ताकि, रामपुर की प्रतिभाएं आगे बढ़ सकें। गरीबी के कारण किसी की पढ़ाई नहीं रुकनी चाहिए।
-केपी सिंह, डायरेक्टर, रेडिको खेतान

अब स्टोक कांगरी पहाड़ी को नापेंगी पर्वतारोही मां-बेटी

लेह लद्दाख की सबसे ऊंची पहाड़ी पर फहराएंगी तिरंगा
20500 फीट ऊंची भारत की इकलौती ट्रैकेबल पहाड़ी
रामपुर। अफ्रीका और यूरोप महाद्वीप की ऊंची-ऊंची चोटियों को फतह करने के बाद रामपुर की मां-बेटी लेह लद्दाख की सबसे ऊंची पहाड़ी स्टोक कांगरी को फतेह करके विश्व रिकार्ड बनाने को तैयार हैं। चढ़ाई इसी माह  होगी। इसके लिए उन्हें तिरंगा देकर रवाना किया जाएगा।
रामपुर रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी सिंह के बेटे अमित सिंह की प्रारंभिक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा भी रामपुर में ही हुई। एयरक्राफ्ट इंजीनियर अमित सिंह का रामपुर निवासी जूही से विवाह हुआ, इसके बाद एक निजी एयरलाइंस में उनकी जॉब लग गई और वह पत्नी जूही व बेटी दीया के साथ सऊदी में रहने लगे। जूही और दीया दोनों मां-बेटी पर्वतारोही हैं। रेडिको के खेतान केपी सिंह ने बताया कि बहू जूही के पदचिह्नों पर पोती दीया भी चल रही है। दो साल पहले जब दीया महज 12 साल की थी, यानी अब से दो साल पहले तब इन मां-बेटी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी क्लिमंजारों जिसकी ऊंचाई 19341 फीट है, को फतेह किया था। इसके बाद पिछले दिनों यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रुश जिसकी ऊंचाई18510 है, को फतह कर यहां तिरंगा फहराया था। अब ये दोनों मां-बेटी जम्मू कश्मीर की लेह लद्दाख की खूबसूरत वादियों में सबसे ऊंची चोटी स्टोक कांगरी जिसकी ऊंचाई 20500 फीट है, को फतेह करने की तैयारी में हैं। इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। अगस्त माह में ही चढ़ाई शुरू की जाएगी।
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पर्वतारोहण की मिली अनुमति
लेह लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों से होते हुए स्टोक कांगरी हिम चोटी पर पर्वतारोहण के लिए इंडियन माउंटेयनरिंग फाउंडेशन दिल्ली से अनुमति मिल गई है।
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हर साल अलग पर्वतरोहण का कार्यक्रम
पर्वतारोही मां-बेटी जूही और दीया हर साल एक अलग पर्वत को चुनते हैं, जिसे अपने कदमों के नीचे लाने के लिए वे उन पर चढ़ते हैं। पूर्व में इन्होंने अफ्रीका के पर्वत को चुना, फिर यूरोप के पर्वत को और इस बार एशिया महाद्वीप स्थित लेह लद्दाख के पर्वत को।
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दोनों में है देशभक्ति का जज्बा:केपी सिंह
रेडिको के डायरेक्टर केपी सिंह ने बताया बहू जूही और पोती दीया को मैंने कह रखा है कि जहां भी पर्वतारोहण करो, अपने देश का ध्वज वहां जरूर ले जाओ। घर से मिले संस्कारों से दोनों देशभक्ति का जज्बा कूट कूटकर भरा हुआ है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मेरी बहू और पोती लेह लद्दाख की इस सर्वाेच्च चोटी पर भी तिरंगा फहराएंगी। 

Friday, 27 July 2018

रेडिको ने टॉपर्स को बांटे लैपटॉप, खिले चेहरे

यूपी बोर्ड और सीबीएसई के मेधावी बच्चे सम्मानित
मंत्री बलदेव औलख के हाथों शिक्षक भी सम्मानित
रामपुर। रेडिको खेतान की ओर से आयोजित किरन देवी मेमोरियल एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड में यूपी बोर्ड और सीबीएसई में दसवीं-12वीं के टॉपर्स को लैपटॉप बांटे गए। जिले के 23 स्कूलों के सौ से अधिक बच्चों को सम्मानित किया गया। लैपटॉप, चेक, प्रशस्ति पत्र पाकर जहां एक ओर बच्चों को चेहरे खिल गए। वहीं, उन बच्चों को इस लायक बनाने वाले गुरुजनों को भी शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
रामलीला मैदान स्थित उत्सव पैलेस में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री बलदेव औलख, रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी सिंह और उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक डा. आरके बसलस ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन से किया। रेडिको की ओर से मंत्री बलदेव सिंह औलख, यूपी सहकारी निर्माण संघ के चेयरमैन सूर्य प्रकाश पाल, डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी डा. विपिन ताडा और डा. बसलस को बुकें देकर स्वागत किया गया। इसके बाद मेधावियों को सम्मानित करने का सिलसिला शुरू किया गया। इस क्रम में सबसे पहले जिले की टॉप-10 लिस्ट में प्रथम, द्वितीय और तृतीय आने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप तथा तीन-तीन हजार रुपये के चेक दिए गए। इसके बाद आमंत्रित स्कूलों सभी टॉपर्स को ढाई-ढाई हजार रुपये के चेक देकर सम्मानित किया गया। बाद में स्कूलों के प्रधानाचार्याें को भी सम्मानित किया गया।

 रेडिको की यह पहल सराहनीय: औलख
राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने छात्र-छात्राओं से और बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा जताते हुए बधाई दी। साथ ही कहा कि रेडिको की यह पहल सराहनीय है। यहां एक मंच पर विभिन्न बोर्ड के मेधावियों को बुलाकर सम्मानित किया जाता। इससे अन्य बच्चों में भी बेहतर करने की ललक पैदा होगी। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक सुरेंद्र राजेश्वरी ने किया। इस मौके पर अजय अग्रवाल, अलोक अग्रवाल, सुनील सिंह, विकास सक्सेना, इंदरपाल सिंह,  विजय कुमार, आर के शर्मा, अमित पाण्डेय, विशाल शर्मा, मुदित जैन आदि मौजूद रहे।
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एक नजर में
-23 यूपी बोर्ड/सीबीएसई के बुलाए गए थे मेधावी।-8 बच्चों को दिए गए लैपटॉप और तीन-तीन हजार के चेक।-100 से अधिक बच्चों को किया गया सम्मानित।-156500 रुपये के कुल चेक बांटे गए।
-रेडिको प्रतिभाओं के सम्मान में कभी पीछे नहीं रही। लगातार यह प्रयास है कि कोई भी प्रतिभा धनाभाव में न पिछड़े। हमने पिछले दिनों रिजल्ट आउट होते ही जिला टॉपर को बीटेक में कंपनी के खर्च पर दाखिला दिलाया है। आगे भी सामाजिक सरोकार के काम हम करते रहेंगे।
-केपी सिंह, डायरेक्टर रेडिको खेतान