रामपुर ही नहीं दूसरे शहरों में भी दर्ज हो रहीं एफआईआर
रामपुर। विपिन कुमार शर्मा
सियासी पंडितों का गणित, सत्ताधारी दल के पैंतरे और कानून का शिकंजा...सबका एक ही इशारा है आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दिनोंदिन मजबूत की जा रही सियासी बिसात। यही वजह है कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का वक्त करीब आ रहा है, सपा नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, उनकी घेराबंदी तेज होती जा रही है।
सपा सरकार में आजम खां की ताकत किसी से छुपी नहीं है। वह सरकार में आठ विभागों के मंत्री थे और रामपुर में उनके किसी भी काम में कोई दखल नहीं था। इसलिए सपा सरकार के पांच साल में उन्होंने जो चाहा वही हुआ। इस दौरान शहर और अपनी जौहर यूनिवर्सिटी के विकास को कई बड़े काम किए। यूनिवर्सिटी में कई सरकारी विभागों से भी काम कराया। हालांकि दबी आवाज में तब भी कुछ कामों का विरोध किया गया, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सूबे में सत्ता बदली तो आजम खां और उनकी यूनिवर्सिटी सियासी विरोधियों के निशाने आ गई। जिला प्रशासन से लेकर शासन, उप मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक से शिकायतें की गईं। जिन पर समय-समय पर जांच हुईं और शासन को रिपोर्ट भेजी गईं।
लेकिन, अब जब लोकसभा चुनाव करीब आया तो सियासी विरोधियों से लेकर सत्ताधारी दल और शासन सबके सब एक्टिव हो गए हैं। आए दिन जांच हो रही हैं। कहीं सीडीओ, कहीं डीएम, कहीं एसआईटी तो कहीं अन्य अफसर जांच कर रहे हैं। एक-एक मामले में कई बार जांच की जा रही है। जिनके पीछे मंशा यही है कि जहां भी कमजोरी पकड़ में आए, कार्रवाई अमल में लाई जाए।
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क्या कहती है सरकार
-आजम खां के खिलाफ इतने प्रकरण हैं कि सबकी जांच एसआईटी को दे दी गई है। कई मामलों में जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है। जिस दिन एसआईटी की जांच पूरी हो जाएगी, आजम खां सलाखों के पीछे होंगे।
-बलदेव औलख, राज्यमंत्री यूपी सरकार
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खास-खास मामले
-बीते साल सेना पर अमर्यादित टिप्पणी के मामले में सिविल लाइंस कोतवाली में लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष आकाश सक्सेना की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया
-सेना पर टिप्पणी के आरोप में आजम खां के खिलाफ बिजनौर जनपद में भी एक भाजपा नेता ने मुकदमा कराया, सेम आरोप के चलते सिविल लाइंस पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट लगाई।
-25 अप्रैल को जल निगम भर्ती घोटाले में लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई गई।
-27 सितंबर को आजम खां के पड़ोसी ने गंभीर आरोप लगाते हुए गंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।
-जौहर विवि में चकरोडों की जमीन पर कब्जे के आरोप में राजस्व परिषद इलाहाबाद में डीएम ने चार वाद दायर कराए।
-जौहर विवि के लिए दलितों की जमीन नियम विरुद्ध तरीके से खरीदने के आरोप में एक साथ दस वाद राजस्व परिषद में दर्ज हुए।
-18 अक्तूबर को राज्य सभा सदस्य अमर सिंह ने गंभीर धाराओं में लखनऊ में आजम खां के खिलाफ मुकदमा कराया।
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हो चुके हैं गैर जमानती वारंट
-पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट से गैर जमानती वारंट हो चुके हैं।
-मार्च में लखनऊ स्थित हाईकोर्ट की बेंच ने गैर जमानती वारंट जारी किया।
-25 अगस्त को फिरोजाबाद की कोर्ट ने एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है
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इन मामलों में हो चुकी है जांच
प्रकरण-1
जौहर यूनिवर्सिटी में कई एकड़ कस्टोडियन की जमीन है। इसकी शिकायत शासन और मुख्यमंत्री से की गई थी। शासन ने डीएम को जांच कराने का आदेश दिया था। तत्कालीन जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने इसकी जांच कराई थी, जिसके बाद शासन को अपनी आख्या भेजी थी। डीएम ने लिखा था कि जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में कस्टोडियन की जमीन है, जिस पर यूनिवर्सिटी का कब्जा है।
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प्रकरण-2
पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के शहर में चार रामपुर पब्लिक स्कूल हैं। आरपीएस बालक वर्ग नई तहसील के पास है, जिसे जौहर शोध संस्थान के भवन में स्थापित किया गया है। एक आरपीएस रामलीला पब्लिक स्कूल के सामने मुहल्ला घोसियान में गरीबों के बच्चों के लिए खोला है। इनके अलावा टांडा में भी आरपीएस की स्थापना की जा रही है। इन सभी की जांच कराई थी और जांच के बाद क्लीनचिट दे दी थी।
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प्रकरण-3
सपा सरकार के दौरान जौहर यूनिवर्सिटी पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। इसके अलावा करीब दस करोड़ की लागत से पंडाल भी बन रहा है। यूनिवर्सिटी में लोक निर्माण विभाग से सड़कों का निर्माण भी कराया गया है। इन सभी कामों की भी शिकायत की गई और जांच भी हुई। हालांकि सरकार और शासन ने कार्रवाई को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है।
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प्रकरण-4
सपा सरकार में आजम खां ने स्वार रोड पर तहसील मोड़ के पास उर्दू गेट बनवाया है। इस गेट की ऊंचाई कम है, जिसमें भारी वाहन नहीं निकल पाते। भारी वाहनों के लिए पुलिस लाइन होकर सड़क को चौड़ा कराया गया है। प्रशासन ने इसकी जांच कराई। जांच में पाया गया कि निर्माण सीएंडडीएस ने कराया था, लेकिन आरडीए से अनुमति नहीं ली थी।
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प्रकरण-5
जौहर यूनिवर्सिटी में बने पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस की शिकायत हुई। जिसकी शासन ने जांच कराई। तत्कालीन डीएम ने जांच रिपोर्ट में लिखा कि गेस्ट हाउस पूरी तरह सरकारी है लेकिन, इसका अपना कोई रास्ता नहीं है। यह जौहर विश्वविद्यालय परिसर में है और यहां बिना आजम खां की मर्जी के कोई नहीं जा सकता। शासन को इस पर निर्णय लेना चाहिए।
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प्रकरण-6
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत की यूनिवर्सिटी में झील है, जिसमें जलभराव सिंचाई विभाग के ट्यूबवेल से किया जाता है। इतना ही नहीं, यह भी आरोप लगाया गया कि इसका बिल सिंचाई विभाग देता है। शासन स्तर से इस प्रकरण की भी जांच कराई गई, जिसमें आरोप सही पाते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी गई।
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यूं कसा सरकार ने शिकंजा
रामपुर में एकता तिराहे से बड़ा ओवर ब्रिज बनवाया गया है, जो बनकर लगभग तैयार है। यह पुल पूर्व में नक्शे के मुताबिक जौहर विश्वविद्यालय में उतरना था लेकिन, सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद इसकी शिकायत हुई और जांच कराई गई। जिसके बाद सेतु निगम के अधिकारियों ने जौहर विवि की ओर दीवार खिंचवाकर इसे बंद करा दिया है।
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भारी फोर्स के साथ मारा बिजली टीम ने छापा
जौहर विश्वविद्यालय में बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत हुई। जिस पर पिछले दिनों भारी पुलिस बल के साथ कई एसडीओ, एसडीएम की मौजूदगी में बिजली अफसरों ने छापामार कर आउटपुट और इनपुट चेक किया। हालांकि, बिजली चोरी है या नहीं, इसकी अभी जांच हो रही है लेकिन, छापा मारकर एक मैसेज पास किया गया।
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मैं एक मुस्लिम इंसान हूं, यही मेरी खता :आजम
पूर्व मंत्री बोले-मेरा होना सत्ताधारी दल के लिए आक्सीजन का काम
इतने केस हैं, मुझे याद नहीं रहता कब किस अदालत में पेश होना है
रामपुर। वरिष्ठ संवाददाता
लगातार जांच, मुकदमों के बाद भी खामोश रहे सपा नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां ने चुप्पी तोड़ ही दी। उन्होंने हिन्दुस्तान को जारी बयान में कहा कि वह एक मुस्लिम इंसान हैं, यही उनकी खता है।
आजम खां का कहना है कि सोचा भी नहीं था कि मेरे जैसे व्यक्ति को जीवन के इतने सख्त दिन गुजारने होंगे। अनगितन जांचें होंगी, बेहिसाब मुकदमें होंगे। कोई मेरे सिर की कीमत एक करोड़ रखेगा, कोई जुबान काटने की कीमत पचास लाख रखेगा। वह भी टीवी चैनल पर और कानून खामोश तमाशाई बना रहेगा।
आजम खां ने कहा है कि कोई उन्हें उन्हें गद्दार कहते हैं, कोई देशद्रोही तो कोई पाकिस्तान चले जाने की सलाह देते हैं और मैं हूं कि किसी और धुन में लगा हूं। मादरे वतन की जमीन पर लोग जिहालत की बिना पर बोझ बने हुए हैं, उस बोझ को कम तो किया ही जा सकता है....इसी में लगा हूं। आगे कहते हैं कि अक्सर अदालतों से गैर जमानती वारंट हो जाते हैं क्योंकि, याद नहीं रहता कब कहां की अदालत में हाजिर होना है। मेरा होना आज के सत्ताधारी दल के लिए आक्सीजन का काम करता है। खता सब इतनी है कि मैं एक मुस्लिम इंसान हूं।
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लोस चुनाव जीतने को मुकदमे करना जरूरी: अब्दुल्ला
रामपुर। समाजवादी पार्टी से स्वार-टांडा विस क्षेत्र से विधायक एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम खां लगातार हो रही जांच और कार्रवाई को सीधे लोकसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। उन्होंने ट्वीटर पर पोस्ट किया है कि शायद उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें जीतने के लिए आजम खान साहब पर 800 मुकदमें करना जरूरी है। अब्दुल्ला आजम के इस ट्वीट को 194 लोगों ने रीट्वीट किया है जबकि, 852 लोगों ने लाइक किया है।
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सपाइयों ने संभाला मोर्चा, पीएम को लिख रहे खून से खत
25 जुलाई से शुरू हुई मुहिम, अब तक 140 खत लिखे
रामपुर। वरिष्ठ संवाददाता
आजम खां के खिलाफ हो रहीं लगातार जांचों के मद्देनजर सपाइयों ने मोर्चा संभाल लिया है। आजम खां के मीडिया प्रभारी एवं आजमवादी मंच के राष्ट्रीय संयोजक फसाहत अली खां शानू ने प्रधानमंत्री को खून से खत लिखने की 25 जुलाई को मुहिम शुरू की थी। जिसके तहत रोजाना सपाई खून से खत लिख रहे हैं। सीधे तौर पर पीएम से मांग कर रहे हैं कि आजम खां पर द्वेष भावना के तहत की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए और उन्होंने जिस तरह समाज के लिए काम किए हैं, उसके लिए उन्हें भारत रत्न दिया जाए। अब तक ऐसे 140 खत प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं। सोमवार को मदरसा कोहना निवासी मनीश कठेरिया ने ऐसा ही एक पत्र खून से लिखकर पीएम को भेजा है। इससे पहले सपा की महिला जिलाध्यक्ष मायादेवी यादव, एमएलसी, घनश्याम लोधी समेत तमाम लोग खत लिख चुके हैं।
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एकजुट हुए आजम के सियासी विरोधी
किसी ने सीधे केस किए, तो किसी ने डाली पीआईएस
रामपुर। वरिष्ठ संवाददाता
आजम खां के सभी सियासी विरोधी एकजुट हो गए हैं। अपने-अपने तरीकों से वह आजम खां को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश कुमार सक्सेना ने आजम खां के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा कराया। इसके अलावा राजस्व परिषद में वादों में निगरानीकर्ता हैं। जौहर विवि से जुड़े प्रकरणों में शिकायतें कीं। पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा के मीडिया प्रतिनिधि रहे मुस्तफा ने भी उर्दू गेट समेत कई मामलों में शिकायतें की हैं, एसआईटी जांच कर रही है। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खां लाला ने अकूत दौलत कहां से आई, डीसीबी में नोटबंदी के दौरान कालाधन सफेद किया गया..सरीखे आरोप लगाते हुए राज्यपाल से शिकायत की, जिसमें जांच चल रही है। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम निजी यूनिवर्सिटी में सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला लेकर जनहित याचिका दायर कर चुके हैं, जिसमें सुनवाई चल रही है।