रेडिको के डायरेक्टर केपी सिंह की बहू और पोती की उपलब्धि
यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्बर्स पर तिरंगा लेकर पहुंची मां-बेटी
पूर्व में अफ्रीका की पर्वत श्रंखला किल्मिनजरो पर पहुंची थीं दोनों
रामपुर। पर्वतारोही मां-बेटी ने यूरोप के सबसे ऊंची पर्वत श्रंखला पर भारत का परचम लहराया है। यह बड़ी उपलब्धि रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी सिंह की बहू और पोती ने हासिल की है।
मूलरूप से शामली मुजफ्फरनगर निवासी केपी सिंह ने 1982 में जब रामपुर डिस्टलरी ज्वाइन की थी, उसके बाद से वह रामपुर में ही रहने लगे। वर्तमान में शांति सदन उनका आवास है। उनके बेटे अमित सिंह की प्रारंभिक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा भी रामपुर में ही हुई। एयरक्राफ्ट इंजीनियर अमित सिंह का जूही से विवाह हुआ, इसके बाद एक निजी एयरलाइंस में उनकी जॉब लग गई और वह पत्नी जूही व बेटी दीया के साथ सऊदी में रहने लगे। जूही और दीया दोनों मां-बेटी पर्वतारोही हैं। रेडिको के खेतान केपी सिंह ने बताया कि बहू जूही के पदचिह्नों पर पोती दीया भी चल रही है। दो साल पहले जब दीया महज 12 साल की थी, यानी अब से दो साल पहले तब इन मां-बेटी ने अफ्रीका की पर्वत श्रंखला किल्मिनजरों पर फतह हासिल की थी। अब उन्होंने यूरोप की सबसे ऊंचे पर्वत एल्बर्स पर फतेह हासिल कर वहां तिरंगा फहराया है।
हर साल बनाते हैं अलग पर्वतरोहण का कार्यक्रम
पर्वतारोही मां-बेटी जूही और दीया हर साल एक अलग पर्वत को चुनते हैं, जिसे अपने कदमों के नीचे लाने के लिए वे उन पर चढ़ते हैं। पूर्व में इन्होंने अफ्रीका के पर्वत को चुना, जबकि इस बार यूरोप के पर्वत को।
बधाई देने वालों का लगा तांता
रेडिको खेतान के डायरेक्टर की बहू और पोती की इस उपलब्धि पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। फैक्ट्री से लेकर बाहर तक के उनके शुभचिंतक उन्हें बधाई दे रहे हैं।
मैंने कहा था तिरंगा लेकर जाना:केपी सिंह
रेडिको के डायरेक्टर केपी सिंह ने बताया कि इस बार जब बहू जूही और पोती दीया ने यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत एल्बर्स को चुना तो मैंने ही उन्हें सुझाव दिया कि तिरंगा लेकर जाना। कहीं भी रहो, अपने देश का झंडा जरूर दिखे। जिस पर दोनों तिरंगा लेकर ही एल्बर्स पर्वत पर पहुंचीं।